मेरे जीजा जी ने मेरी सीलतोड़ चुदाई की
प्रिय पाठको, मेरा नाम निहारिका है और मैं कोलकाता से रहने वाली हूँ.
मेरी उम्र 23 साल की है और मैं देखने में बेहद मस्त व ख़ूबसूरत हूँ. मैं एक प्राइमरी स्कूल में टीचर हूँ.
मैं अपनी सच्ची Xxx साली जीजा सेक्स कहानी शेयर करने जा रही हूँ. मेरी हिंदी की भूल को माफ़ कीजिएगा.
मेरी एक बड़ी दीदी हैं, जो मुझसे 4 साल बड़ी हैं और उनकी शादी हो चुकी है.
मेरी दीदी हमारे घर से एक घंटे की दूरी पर रहती हैं, इसलिए अक्सर हमारा आना जाना लगा रहता है.
मेरी दीदी की लाइफ अच्छी और सुखद है. जीजा जी एक बड़ी आईटी कंपनी में काम करते हैं. वे दिखने में अच्छे और काफी आकर्षक व तगड़े हैं.
ये बात मेरी दीदी की शादी के 3 साल के बाद की है. उस वक़्त मैं 20 साल की थी.
हमारे यहां एक फंक्शन में सब लोग आए हुए थे, तो दीदी और जीजा जी भी आए हुए थे.
मेरे जीजा जी अक्सर मुझसे मजाक करते थे और नॉटी बातें करते थे.
मैं अक्सर उनकी नॉटी बातों को नजरअंदाज कर टाल देती थी.
चूंकि हमारा रिश्ता भी जीजा साली का था तो उनका मजाक करना बनता था.
दीदी भी कुछ नहीं बोलती थीं.
मैं उस वक़्त जवान और अल्हड़ थी और सच बोलूँ, तो जीजा जी पर भी मेरा थोड़ा क्रश था. दूसरी ओर जीजा जी भी मुझ पर थोड़ा फ़िदा से थे.
वे मुझ पर फिदा होते भी क्यों न,
आखिर मैं इतनी मस्त माल जो हूँ.
मेरा फिगर 32-28-34 का था और मैं बेहद गोरी हूँ.
बहुत सारे लड़के मेरे पीछे पड़े थे, पर मुझे कोई जँचता ही नहीं था.
जीजा को देख कर लगता था कि इनके जैसा कोई मिले तो बात बने. बस इसी वजह से जीजा जी मुझे अन्दर ही अन्दर कुछ लव सा हो गया था.
खैर … इन सब बातों को छोड़ कर मैं सीधा अपनी जवानी की वो मदमस्त सेक्स कहानी आप सब पाठकों को सुनाती हूँ, जिसके आपके सामान भी गीले हो जाएं.
दरअसल ये बात 2019 की है. हमारे यहां जो समारोह था, उसकी तैयारी के लिए दीदी ने मुझे और जीजा जी को कुछ सामान लाने बाजार भेजा.
मैं उनके साथ अपनी स्कूटी से चली गई. स्कूटी को मैं चला रही थी और जीजा जी मेरे साथ पीछे बैठे थे.
उस दिन मैं पार्लर से आई थी और बहुत खूबसूरत लग रही थी.
मैंने एक पीली साड़ी पहनी थी.
जीजा जी अक्सर कहते थे कि मैं साड़ी में बहुत खूबसूरत दिखती हूँ.
फिर घर में जिस तरह का समारोह था, तो कुछ पारंपरिक ही पहनना था.
बस उसी वजह से मैंने ये साड़ी पहन ली.
जीजा जी भी मुझे देखे जा रहे थे.
मुझे भी अच्छा लग रहा था.
साड़ी को मैंने बहुत ही अच्छे से बांधी थी.
मेरा ब्लाउज भी बैक लैस था.
और शिफॉन साड़ी पहने होने से मेरा पेट थोड़ा सेक्सी सा नजर आ रहा था.
साड़ी को भी मैंने नाभि से नीचे बांधी थी, तो मेरी गहरी नाभि भी कामुक नजर आ रही थी.
मैं स्कूटी चला रही थी और जीजा जी पीछे बैठे थे.
रास्ते में एक गाय बीच में आ गई, मैंने अचानक से ब्रेक लगा कर स्कूटी रोकी तो जीजा जी मेरे ऊपर ही ढह गए और चिपक से गए.
उन्होंने मेरी कमर पकड़ ली.
उस वक़्त तो मुझे अहसास नहीं हुआ, क्योंकि रास्ते की भीड़ भाड़ में ध्यान नहीं गया, पर दस सेकंड बाद मुझे लगा कि मेरे जीजा जी मेरी नंगी कमर पकड़े हुए हैं.
मैं कुछ नहीं बोली और गाड़ी चलती रही.
मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा था और कुछ पल के लिए घबराहट सी भी लगी, लेकिन फिर मुझे अच्छा लगने लगा.
आखिर पहली बार जीजा जी ने मुझे छुआ था.
रास्ता थोड़ा लम्बा था और मैं भी स्कूटी को धीरे धीरे चला रही थी.
जीजा जी अब भी मेरी कमर पकड़े हुए ही थे.
मैंने भी कुछ नहीं बोला.
गाड़ी चलाते चलाते मैंने महसूस किया कि उनका हाथ मेरी साड़ी के पल्लू के और अन्दर आ रहा है. अब उनका हाथ मेरी नाभि पर था.
मुझे मेरी नाभि पर छूने से बहुत अच्छा और कामुक सा लगता है; मैं मदमस्त हो जाती हूँ.
कुछ 30 मिनट बाद हम अपनी जगह पर पहुंचे और सामान लेकर वापस आने लगे.
जीजा जी ने रास्ते में मुझसे कहा- आज तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो.
मैंने उनसे थैंक्यू कहा.
उन्होंने आगे बोला- अगर मेरी तुम्हारी दीदी से शादी न हुई होती, तो मैं तुमसे ही शादी करता, तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो.
उनकी इस बात पर मैं शर्मा गई.
मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया था, दिल धक धक करते हुए जोर से धड़क रहा था.
मुझे लगा कि मैं अगर और देर तक गाड़ी चलाई तो कहीं ठोक न दूँ.
इसी को ध्यान में रख कर मैंने एक खाली सी जगह देख कर गाड़ी रोक दी.
जीजा जी ने पूछा- क्यों रोकी गाड़ी?
मैं कुछ बोल नहीं पा रही.
मैंने कहा- आप चलाइए.
उन्होंने मेरी हालत देख कर समझ लिया और मुझसे गाड़ी ले ली.
तभी मुझे न जाने क्या हुआ कि मैंने गाड़ी पर बैठने से पहले उन्हें होंठों पर किस कर लिया.
यह देख वे भी भौंचक्के से रह गए.
आखिर मैंने उनसे कह ही दिया कि आप मुझे बहुत पसंद हैं और मुझे ख़ुशी है कि आप मेरे जीजा जी हैं.
वे मुस्कुरा रहे थे.
उस दिन अगर हम रास्ते में न होते तो मेरी जवानी के मज़े तो मेरे जीजू उसी वक़्त ले लेते.
पर परिस्थितियां वैसी न थीं और हमें जल्दी घर आना था तो हम आ गए और घर पर अपने कामों में लग गए.
उस दिन के बाद से जीजू मुझे जब भी अकेला पाते, तो मेरे पास आकर मुझे धीरे से गले लगा लेते या चूम कर भाग जाते.
अब हम दोनों को एक दूसरे के जज्बात पता चल चुके थे तो हम दोनों भी अच्छे से एक दूसरे से मिलने की अपनी तैयारी में लग गए.
यह तैयारी जीजा जी कर रहे थे.
उस दिन के बाद से हम दोनों जब भी हम दोनों खाली होते, तो अक्सर मोबाइल पर, व्हाट्सऐप पर घंटों बातें करते.
वीडियो कॉल पर मैं नंगी होकर उन्हें अपना जिस्म दिखा कर और ज्यादा उकसाने लगी थी.
उस वक़्त मैं कॉलेज में मास्टर्स की डिग्री की तैयारी कर रही थी तो मुझे कोचिंग की आवश्यकता हुई.
जीजा जी ने मुझे एक कोचिंग के बारे में बताया.
यह कोचिंग उनके घर से आगे जाने वाले रास्ते में थी.
उन्होंने मुझसे वहां दाखिला लेने को कहा.
घर में भी सबने मान लिया.
मैं भी खुश थी.
कोचिंग में एडमिशन लेने के बाद मैं जीजा जी के साथ आना जाना करने लगी, उनकी बाइक पर ही मैं आती जाती.
एक दिन मैंने प्लान बनाया.
उस दिन मैं एक कोचिंग की एक्स्ट्रा क्लास का बहाना बना कर जीजा के साथ निकल पड़ी.
उन्होंने हमारे लिए एक दूर के होटल में कमरा बुक करा रखा था.
हम दोनों वहां कोचिंग जॉइन करने के समय तक पहुंच गए.
अब हमारे पास शाम तक का समय था.
हमने नाश्ता आर्डर किया जो रूम में ही आ गया.
उसके बाद हम दोनों एक दूसरे के आलिंगन में हमबिस्तर थे.
मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था.
मैंने बाथरूम में जाकर अपने कपड़े बदल लिए जो मैं अपने साथ लेकर आई थी.
बाथरूम से बाहर आते ही जीजा ने मुझे हग कर लिया.
मैं एक छोटा सा टॉप और हॉट पैन्ट्स में थी.
मेरा टॉप मेरी कमर के ऊपर तक आ रहा था जिससे मेरी नाभि दिख रही थी.
नीचे मेरी सेक्सी जांघें जीजा जी के लंड को अकड़ा रही थीं.
जीजू ने मुझे गोद में उठा लिया और किस करने लगे.
मैं आहें भरने लगी.
फिर मैंने उनका कुर्ता खोला और पजामे का नाड़ा ढीला कर दिया.
उन्होंने भी मुझे बिस्तर पर लिटाया और मेरे टॉप को खोल दिया.
मैं अब एक ब्लैक ब्रा और पैन्ट्स में थी.
जीजू मेरी गर्दन को किस करने लगे.
मैं जोर जोर से आहें और सिसकारियां लेने लगी.
फिर उन्होंने ब्रा के ऊपर से ही मेरे दोनों स्तनों पर किस किया और ब्रा खोल दी.
अब वे पागलों के जैसे मेरी चूचियों को बड़ी बेरहमी से जोर जोर से मसल रहे थे.
मुझे दर्द हो रहा था पर मजा भी आ रहा था.
फिर उन्होंने मेरे एक दूध पर काट लिया तो मैं चीख पड़ी.
पर उन पर कोई असर नहीं पड़ा था वे जोर जोर से चूसते और काटते रहे.
उनके प्यार की निशानी मेरे स्तनों पर बन गई थी.
मेरी ब्रा खोलने के बाद जीजू ने मेरी पैन्ट्स खोल कर फेंक दी. मैं अब सिर्फ अपने ब्लैक पैंटी में थी.
वह मेरे सपाट पेट पर किस करने लगे और मैं पागल हो रही थी.
उनकी जीभ मेरी नाभि में आ लगी और बस मैं चहक उठी.
उन्होंने मेरी नाभि में जीभ को भीतर तक डाल कर किस किया.
मेरी नाभि बहुत गहरी है.
जब उन्होंने अपना मुँह लगाया तो मेरी सांस अन्दर चली गई और नाभि और गहरी लगने लगी.
वह नाभि पर चूमते हुए मेरी फुद्दी को पैंटी के ऊपर से सहलाने लगे.
अब तो मुझसे रहा ही नहीं जा रहा था.
उन्होंने हल्के हल्के लव बाइट मेरे पेट पर नाभि के आस पास भी दिए, जैसे बूब्स पर दिए थे.
फिर मैंने खुद ही अपनी पैंटी को उतार कर फेंक दिया.
अब मैं अपने सेक्सी जीजू के सामने पूरी नंगी थी.
वे मुझे निहार रहे थे और अपना मोटा सा लंड सहला रहे थे.
उनका मोटा लंड देख कर मैं डर रही थी.
वे बोले- कुछ नहीं होगा.
मैंने कहा- इतना मोटा मेरे अन्दर कैसे जाएगा?
वे बोले- तुम बस लेटी रहो, मैं सब कर लूँगा.
मैं बोली- बहुत दर्द होगा!
वे बोले- अपने प्यारे जीजू के लिए इतना दर्द नहीं सह सकती क्या!
मैं हंस पड़ी.
अब जीजू बोले- पहले मुँह में लंड लेकर चूसो.
मुझे ये अजीब सा लगा पर मुझे पता था कि लड़कों की ये आदत होती है.
मैं मुँह में लंड लेने हुई पर लंड मेरे मुँह में पूरा नहीं आ रहा था.
जीजा जी ने कहा- इसे अच्छे से चूसो.
अब किसी तरह से उनका मोटा लंड मेरे मुँह में अन्दर बाहर होने लगा था.
जीजू मेरे सर को पकड़े थे. फिर अचानक से उन्होंने अपना पूरा लंड मेरे में मुँह में घुसाने की कोशिश की.
लंड मेरे गले तक आ गया.
मैं हांफने लगी.
मैंने जीजू से कहा- इतना लम्बा मैं पूरा कैसे लूं!
वे बोले- जितना ले सको, उतना अन्दर करो.
वे खुद भी जोर जोर से मेरे मुँह को चोदने लगे.
मैं बेबस सी उनके सामने थी और जो वे बोल रहे थे, वह कर रही थी.
उनका मोटा लंड मेरे थूक से चमक रहा था.
थोड़ी देर बाद जीजू बोले- अब रुको और तुम लेट जाओ, अब मैं तुम्हारी चूत में लंड घुसाऊंगा.
मैं सहमी सी लेट गई और उनके मोटे लंड को निहारने लगी.
तब मैं सोचने लगी कि मेरे जीजू, दीदी की क्या हालत करते होंगे.
मेरे सोचते सोचते तक ही वे मेरे ऊपर आ गए और लंड का मोटा सा सुपारा मेरी चूत पर घिसने लगे.
जीजा जी के लौड़े की गर्मी से मैं ऐसे मचलने लगी जैसे पानी के बाहर मछली.
उसके बाद अचानक उनका 6 इंच का मोटा लंड मेरे अन्दर घुसता चला गया.
मैं चीख पड़ी.
पर उन्हें मानो कोई फ़िक्र ही नहीं थी.
वे अपने मोटे लंड को मेरी बुर के अन्दर पेल कर आगे पीछे होने लगे और मैं जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी.
पहले हल्का दर्द हुआ, पर अब मज़ा आने लगा.
जीजा जी दस मिनट तक मेरी चूत में लंड पेल कर चोदते रहे.
फिर वे अपना लंड निकाल कर बोले- अब घोड़ी बन जाओ.
मैंने वैसा ही किया.
जीजू ने फिर से अपना मूसल सा लंड मेरी चूत में पेल दिया और कमर पकड़ कर जीजू आगे पीछे होने लगे.
मेरी हालत ख़राब हो रही थी.
पर वे तो किसी ज़ालिम के जैसे लगे हुए थे और रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे.
कुछ देर बाद जीजू को ज्यादा मस्ती चढ़ गई और अब वे मेरे लंबे बाल पकड़ कर घोड़ी बना कर पीछे से मुझे ताबड़तोड़ चोदने लगे.
इस तरह मुझे और 10 मिनट चोदने के बाद उन्होंने अपना मोटा लंड बाहर निकाल लिया.
मैं तो दो बार झड़ कर पूरी गीली हो चुकी थी. पर उनका लंड अभी तक खड़ा था.
अब मैं सोच रही थी और कितना करना पड़ेगा.
उन्होंने कहा- अब मेरे लंड को चूसो.
उफ्फ … क्या बताऊं पहली बार मैं अपनी ही चूत का पानी चख़ रही थी.
मैं मस्त होकर लंड चूसने लगी.
उनका मोटा लंड इस बार मुझे बड़ा मजा दे रहा था और जीजू भी पागल हो रहे थे.
वे मेरे मुँह में पूरा लौड़ा घुसाने की कोशिश कर रहे थे पर मैं पूरा नहीं ले पा रही थी.
मैं मुश्किल से आधा लंड ले पा रही थी.
मैंने बहुत देर तक लंड को चूसा.
फिर जीजू बोले- अब लेट जाओ.
मैं किसी सड़क छाप रांड की तरह चूत पसार कर लेट गई.
अब जीजा जी दोबारा से मेरे ऊपर चढ़ गए थे और उनके मोटे लंड का सुपारा मेरी चूत को छू रहा था.
मैं पागलों के जैसे गांड उठा कर लंड लेने को मचल रही थी.
उन्होंने धीरे से पूछा- और चाहिए?
मैंने जल्दी से हां में सर हिलाया.
इसके बाद तो उनका लंड मेरी चूत में दोबारा जा घुसा और इस बार तो वह जैसे किसी पागल सांड के मानिंद हो गए थे.
चूत को भोसड़ा बनाने की नीयत दिखने लगी थी.
मेरे दोनों पैर उनके कंधे पर थे.
उन्होंने मेरी कमर पकड़ ली और जोर जोर से झटके लगाने शुरू कर दिए.
मेरी चूत से फच फच की आवाज़ आ रही थी.
इन आवाजों को सुन कर वे और पागल हो गए.
अब जीजू मेरे स्तनों को पकड़ कर दबा रहे थे और लौड़े के झटके लगा रहे थे.
मैं ‘आह आह … उहह उह्ह्ह’ कर रही सिसकारियां ले रही थी.
हम दोनों का बदन पसीने से लथपथ हो गया था.
उनके जोर के झटकों से मेरे दोनों दूध बड़ी तेजी से हिल रहे थे.
सिर्फ स्तन ही नहीं बल्कि मेरा पेट भी लहरा रहा था.
उनका मोटा लंड ऐसा लग रहा था, जैसे मेरी चूत में अन्दर तक जा रहा था.
मुझे जीजू के लंड का अपने पेट में भीतर तक अहसास हो रहा था.
इस तरह और दस मिनट तक वे मुझे चोदते रहे.
मैं उनके नीचे बेसहारा और उनकी दया पर निर्भर पड़ी थी मानो मैं कोई बकरी हूँ और वह किसी शेर की तरह मुझे ज़कड़ कर रखे थे.
कुछ देर बाद उनके झटके और तेज हो गए.
मैं चीखने लगी और जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी.
तब मैं कराहती हुई उनसे बोलने लगी- आह जीजू छोड़ो, मैं अब और नहीं सहन कर पाऊंगी … इस्सस.
पर क्या बोलूं … उस ज़ालिम जीजा ने छोड़ने का नाम न ही लिया.
इस तरह करते करते अचानक से उनका शरीर अकड़ सा गया और लंड पूरा अन्दर तक जाकर अड़ गया.
अगले ही पल मुझे अपने पेट में कुछ गर्म गर्म सा अहसास हुआ.
उनके लंड का पानी मेरी चूत में ही निकल गया.
Xxx साली जीजा सेक्स से मैं पागल सी हो गयी थी.
मेरा भी शरीर अकड़ गया था और गांड ऊपर को उठ गयी थी. मेरा भी पानी जोर से निकल रहा था.
मेरी आंखें बंद हो गई थीं और जीजू की भी.
मैंने चादर को जोर से पकड़ लिया और लम्बी लम्बी सांसें लेने लगी.
जीजू पानी निकाल कर मेरे ऊपर बैठ गए और मुझे निहारने लगे.
अब मैं भी मुस्कुरा कर उन्हें देखने लगी.
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